Mata-Pita ka Baccho ke saath khelna, Raah jeene ki sikhana, Sab baste ke niche dab gaya, Jindgi ki race me baccho ka 'BACHPAN' kho gaya.
माता-पिता का बच्चोँ के साथ खेलना, राह जीने की सिखाना, सब बस्ते के नीचे दब गया, जिन्दगी की रेस मेँ बच्चोँ का 'बचपन' खो गया।
18 comments:
सही बात :)
बिलकुल सही कहा
बहुत ही अच्छी पोस्ट।
सच में बच्चों को देखकर तरस आता है। इन्हें बचपन को जीने लायक स्थितियां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
बिलकुल सही कहा आपने।
विकेश जी,
बिल्कुल सही कहा आपने
सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
शुभकामनाएँ।
Bachpan bahut amulya hota hai.
सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
शुभकामनाएँ।
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...
True our children are growing today under the baggage of their parents ambitions .
वाह, बहुत खूब। जिंदगी की रेस में रिश्ते पीछे न छूट जाएं हमें इसका जरूर ध्यान रखना चाहिए।
बिलकुल सही कहा
vakayi yehee hota hein. achchaa vichaar. Do you know Malayalam?
beautifully said
सही है।
वाह, बहुत खूब
Beautiful blog :)
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