Sunday, June 18, 2017

Ungli pakadkar chalna sikhaya jisne
   Padha-Likha kar kabil banaya jisne
Musibato se samna karna sikhaya jisne
Zindgi ko 'Zindgi' banaya Jisne....
              "OUR FATHER"

उंगली पकड़कर चलना सिखाया जिसने
पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाया जिसने
मुसीबतों से सामना करना सिखाया जिसने
जिंदगी को 'जिंदगी' बनाया जिसने
         'पितृ दिवस की शुभकामनायें'!


14 comments:

Pammi singh'tripti' said...

बहुत बढियाँ..
पितृ दिवस की शुभ कामनाएं..।

Sanju said...

सभी समथॆको व टिप्पणीकारों को पितृ दिवस की शुभकामनायें!

yashoda Agrawal said...

'पितृ दिवस की शुभकामनायें'

JEEWANTIPS said...

माता और पिता ईश्वर का प्रतिरूप होते है.....
सुन्दर रचना

Anita said...

पितृ दिवस की शुभ कामनाएं..!

अरुण चन्द्र रॉय said...

bahut sundar rachna... shaandaar

शुभा said...

बहुत सुंदर लिखा है आपने । वाह!!

Udan Tashtari said...

बढियाँ.

Shanti Garg said...

बहुत बढ़िया लिखा है.....
लिखते रहे ..

दिगम्बर नासवा said...

पिता को याद करते हुए ऐसे भाव दिल को भिगो जाते हैं ... बहुत ही संवेदनशील पन्तियाँ ...

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण...

Unknown said...

behtreen line
publish online book

संजय भास्‍कर said...

संवेदनशील सुंदर लिखा है आपने

Sanju said...

Thanks,
Sanjay ji